ऑनलाइन गेम का चक्कर

क्या आपका बच्चा भी ऑनलाइन गेम खेलता है।

क्या आपका बच्चे का ज्यादा समय मोबाइल पर बीतता है।

क्या आपका बच्चा आपसे दूरी बनाकर रखता है।

अगर ये लक्षण आपके बच्चों में दिखे तो सावधान होने की जरूरत हैं। नही तो बच्चों की ये लत आप पर भारी पड़ सकती  हैं ।

जी हां हम बात कर रहे है साहिबाबाद के शालीमार गार्डन में रहने वाले दो भाइयों की जिनकी उम्र महज 12 साल और 9 साल की।  ये दोनों बच्चे ऑनलाइन गेम के चक्कर मे  घर छोड़ करब16 घंटो तक लापता रहे है। पुलिस और ngo की मदद से इनदोनो बच्चों को पुलिस ने  सकुशल बरामद किया ।ऑनलाइन गेम की ऐसी लत पड़ी की बच्चो में घर से 30 हज़ार रुपये लेकर घर ही छोड़ दिया। दरसअल  12 साल का मोहित अपने माता पिता के साथ शालीमार गार्डन एक्सटेंशन 1 में रहता है।  मोहित 7वी क्लास पढ़ता है। लोकडाउन में जब स्कूल ने ऑन लाइन क्लास शुरू की तो  मजबूरन परिवार में क्लास करने के लिए अपना फ़ोन दिया। इस दौरान मोहित अपने दोस्तों के साथ मोबाइल पर गेम देखना शुरू किया । फिर दोस्तो ने उसकी id बना दी। फिर वो अपने फ़ोन पर पब जी खेलना शुरू कर दिया। ओर जैसे जैसे गेम में आगे का स्टेप पार करते गया  वैसे वैसे गेम में पैसे भी डालने पड़ते है। और मोहित को घर से पैसे मिलते नही थे इसलिए वो कभी अपने पापा के जेब से तो कभी अपनी मम्मी के पर्स से पैसे निकाल लेता था। पब जी बंद होने के बाद वो अब  फ्री फायर खेलने लगा  गेम में आगे लेने के लिए टॉप अप लेता था। हर वक्र फ़ोन नहीं रहने के चलते उसे फ़ोन की काफी जरूरत थी। गेम खेलने के दौरान मोहित का 7 साल का  मौसेरा भाई उत्सव भी उसके साथ होता था। मोहित 30 dec को अपने घर से 30 हज़ार रुपये लेकर उस्तव के साथ घर से निकल गया। पहले वो दिलशाद गार्डन मेट्रो से गया। फिर कश्मीरी  गेट वहाँ नोयडा आ गया फिर किसी से मदद लेकर 18 हज़ार का मोबाइल फोन ,स्मार्ट वॉच और हेड फ़ोन  ख़रीदा। ये बच्चे इतने स्मार्ट थे कि फ़ोन को बिना सिम  के ही वाईफाई के जरिये कनेक्ट कर गेम खेलने लगा। इस दौरान परिवार परेशान होते रहे पुलिस के पास गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई । मामला बच्चो से जुड़ा थम ग़ाज़ियाबाद पुलिस बच्चो  को ढूंढने में मुस्तैदी लग गई। उधर मोहित और उत्सव घूम  रहे थीम फिर वो देर शाम वो दिलशाद गार्डन पहुचा। लेकिन घर में पिटाई होगी इस डर से घर नही आया और दोनों बच्चे  एक पार्क में  पूरी रात रुक गाएं फिर पुलिस ने इन्हें ढूंढ निकाला  और परिवार के हवाले कर दिया।

वहीं मनोवैज्ञानिक भी मानते है कि बच्चो से ज्यादा माँ बाप पर जिम्मेदारी बनती है। बच्चों का ख्याल रखें ।उनके गतिविधियों पर नज़र बनाये रखे।

TNI News Desk

टेक

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